日本
जापानContext of जापान
जापान (जापानी भाषा में जापान को ऐसे "日本" लिखा जाता है जिसका उच्चारण 'निप्पोन या निहोन' होता है,परंतु औपचारिक रूप से जापानी में जापान को ऐसे "日本国" लिखते हैं। ; औपचारिक रूप: जापान राज्य) , एशिया महाद्वीप के पूर्व में स्थित एक द्वीप देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्वी समुद्रतट, यानी उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित हैं। यह पश्चिम में जापान सागर(Sea of Japan/East Sea) से घिरा है, और उत्तर में ओखोटस्क सागर(Sea of Okhotsk) से लेकर दक्षिण में पूर्वी चीन सागर(East China Sea) और ताइवान तक फैला हुआ है।इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया(उत्तर और दक्षिण कोरिया) तथा रूस हैं। जापान में वहाँ के मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी ०.५% कोरियाई, ०.४ % चाइनीज़ तथा ०.६% अन्य लोग है। जापानी लोग अपने देश को निप्पोन या निहोन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। रिंग ऑफ फायर का हिस्सा, जापान ६८५२ द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो ३७७,९७५ वर्ग किलोमीटर (१४५,९३७ वर्ग मील)में फैला हुआ है ; जापान के पांच मुख्य द्वीप होक्काइडो, होंशू (जिसे...आगे पढ़ें
जापान (जापानी भाषा में जापान को ऐसे "日本" लिखा जाता है जिसका उच्चारण 'निप्पोन या निहोन' होता है,परंतु औपचारिक रूप से जापानी में जापान को ऐसे "日本国" लिखते हैं। ; औपचारिक रूप: जापान राज्य) , एशिया महाद्वीप के पूर्व में स्थित एक द्वीप देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्वी समुद्रतट, यानी उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित हैं। यह पश्चिम में जापान सागर(Sea of Japan/East Sea) से घिरा है, और उत्तर में ओखोटस्क सागर(Sea of Okhotsk) से लेकर दक्षिण में पूर्वी चीन सागर(East China Sea) और ताइवान तक फैला हुआ है।इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया(उत्तर और दक्षिण कोरिया) तथा रूस हैं। जापान में वहाँ के मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी ०.५% कोरियाई, ०.४ % चाइनीज़ तथा ०.६% अन्य लोग है। जापानी लोग अपने देश को निप्पोन या निहोन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। रिंग ऑफ फायर का हिस्सा, जापान ६८५२ द्वीपों का एक द्वीपसमूह है, जो ३७७,९७५ वर्ग किलोमीटर (१४५,९३७ वर्ग मील)में फैला हुआ है ; जापान के पांच मुख्य द्वीप होक्काइडो, होंशू (जिसे जापान की मुख्य भूमि भी कहा जाता है) , शिकोकू, क्यूशू और ओकिनावा हैं। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका, नागोया, साप्पोरो, फुकुओका, कोबे और क्योटो (जापान की पूर्ववर्ती राजधानी) हैं।
जापान दुनिया का ग्यारहवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, साथ ही सबसे घनी जनसंख्या वाले और शहरीकृत देशों में से भी एक है। देश का लगभग तीन-चौथाई भूभाग पहाड़ी है, जिस कारण इसकी १२५.३६ मिलियन की जनसंख्या संकीर्ण तटीय मैदानों पर केंद्रित है। जापान को ४७ प्रशासनिक प्रान्तों और आठ पारंपरिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। ग्रेटर टोक्यो क्षेत्र ३७.४ मिलियन से अधिक निवासियों के साथ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला महानगरीय क्षेत्र है।
जापान ऊपरी पुरापाषाण काल (३०,००० BC) से ही बसा हुआ है लेकिन जापान देश के बारे में पहला लिखित उल्लेख एक चीनी वृत्तांत (the 'Book of Han' यानी 'हान की किताब') में मिलता है जोकि द्वितीय शताब्दी में पूर्ण हुई थी। दूसरी और नौंवीं सदी के बीच कईं जापानी साम्राज्य एक सम्राट के अंदर एकीकृत हो गये जिन्होंने हेइआन-क्यो(आज के समय में जिसे 'क्योटो' कहा जाता है) को अपनी राजधानी घोषित कर दिया। बारहवीं सदी की शुरुआत में
More about जापान
- Currency जापानी येन
- Native name 日本
- Calling code +81
- Internet domain .jp
- Mains voltage 100V/60Hz
- Democracy index 8.13
- Population 124631000
- छेत्र 377972
- Driving side left
जापानी लोककथाओं के अनुसार विश्व के निर्माता ने सूर्य देव तथा चन्द्र देव को भी रचा। फिर उसका पोता क्यूशू द्वीप पर आया और बाद में उनकी संतान होंशू द्वीप पर फैल गए।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
प्राचीन कालजापान का प्रथम लिखित साक्ष्य ५७ ईस्वी के एक चीनी लेख से मिलता है। इसमें एक ऐसे राजनीतिज्ञ के चीन दौरे का वर्णन है, जो पूर्व के किसी द्वीप से आया था। धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच राजनैतिक और सांस्कृतिक सम्बंध स्थापित हुए। उस समय जापानी एक बहुदैविक धर्म का पालन करते थे, जिसमें कई देवता हुआ करते थे। छठी शताब्दी में चीन से होकर बौद्ध धर्म जापान पहुंचा। इसके बाद पुराने धर्म को शिंतो की संज्ञा दी गई जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - देवताओं का पंथ। बौद्ध धर्म ने पुरानी मान्यताओं को खत्म नहीं किया पर मुख्य धर्म बौद्ध ही बना रहा। चीन से बौद्ध धर्म का आगमन उसी प्रकार हुआ जिस प्रकार लोग, लिखने की प्रणाली (लिपि) तथा मंदिरो का सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
शिंतो मान्यताओं के अनुसार जब कोई राजा मरता है तो उसके बाद का शासक अपना राजधानी पहले से किसी अलग स्थान पर बनाएगा। बौद्ध धर्म के आगमन के बाद इस मान्यता को त्याग दिया गया। ७१० ईस्वी में राजा ने नॉरा नामक एक शहर में अपनी स्थायी राजधानी बनाई। शताब्दी के अन्त तक इसे हाइरा नामक नगर में स्थानान्तरित कर दिया गया जिसे बाद में क्योटो का नाम दिया गया। सन् ९१० में जापानी शासक फूजीवारा ने अपने आप को जापान की राजनैतिक शक्ति से अलग कर लिया। इसके बाद तक जापान की सत्ता का प्रमुख राजनैतिक रूप से जापान से अलग रहा। यह अपने समकालीन भारतीय, यूरोपी तथा इस्लामी क्षेत्रों से पूरी तरह भिन्न था जहाँ सत्ता का प्रमुख ही शक्ति का प्रमुख भी होता था। इस वंश का शासन ग्यारहवीं शताब्दी के अन्त तक रहा। कई लोगों की नजर में यह काल जापानी सभ्यता का स्वर्णकाल था। चीन से सम्पर्क क्षीण पड़ता गया और जापान ने अपनी खुद की पहचान बनाई। दसवी सदी में बौद्ध धर्म का मार्ग अपनाया। इसके बाद से जापान ने अपने आप को एक आर्थिक शक्ति के रूप में सुदृढ़ किया और अभी तकनीकी क्षेत्रों में उसका नाम अग्रणी राष्ट्रों में गिना जाता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें]