厳島神社
( इत्सुकुशीमा मंदिर )इत्सुकुशीमा मंदिर (厳島神社 इसकीुकुशिमा-जिंजा), इत्सुकुशीमा द्वीप (जिसे मियाजिमा के रूप में जाना जाता है) पर स्थित, एक शिंतो तीर्थस्थल है, जो अपने "तैरते" टोरि द्वार के लिए जाने जाता हैं। यह जापान में हिरोशिमा प्रांत में हात्सुकाइची शहर में हैं। मंदिर परिसर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है, और जापानी सरकार ने यहाँ के कई इमारतों और संपत्ति को राष्ट्रीय खजाने के रूप में नामित किया हैं।
वैसे यह मंदिर कई बार नष्ट कर हो चुका हैं, लेकिन पहले मंदिर की स्थापना शायद 6वीं शताब्दी में ही की गई थी। वर्तमान मंदिर 16वीं शताब्दी के मध्य की मानी जाती हैं, लेकिन इसका वास्तु 12वीं श़ताब्दी से पहले का माना जाता हैं। यह वास्तु 1168 में स्थापित किया गया था, जब टेरा नो कियोमोरी द्वारा धनराशि प्रदान की गई थी।[1][2]
5 सितंबर, 2004 को, टायफून सोंगडा ने मंदिर को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई थी। बोर्डवॉक और छत को आंशिक रूप से नष्ट कर दिया गया था, और मरम्मत के लिए मंदिर अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था।
↑ "Itsukushima Shinto Shrine". UNESCO's World Heritage Centre. मूल से 23 April 2016 को पुरालेखित. ↑ Mason, Penelope (2004). Dimwiddle, Donald (संपा॰). History of Japanese Art (2nd संस्करण).
नई टिप्पणी जोड़ें