आइसलैण्ड
Context of आइसलैण्ड
आइसलैंड (आइस्लैंडिक : Ísland), आधिकारिक रूप से आइसलैंड गणराज्य (आइस्लैंडिक: Lýðveldið Ísland) उत्तर पश्चिमी यूरोप में, उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फ़रो द्वीप समूह, और नार्वे के मध्य बसा एक नार्डिक द्विपीय देश है। आइसलैण्ड का क्षेत्रफल लगभग १,०३,००० किमी२ है और अनुमानित जनसंख्या ३,१३,००० (२००९) है। यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा, व विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है। आइसलैंड की राजधानी रेक्याविक है, और देश की आधी जनसंख्या राजधानी में ही निवास करती है।
अवस्थापन साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि आइसलैंड में अवस्थापन ८७४ ईस्वी में आरंभ हुआ था, जब इंगोल्फ़र आर्नार्सन लोग यहाँ पर पहुँचे, यद्यपि इससे पहले भी कई लोग इस देश में अस्थाई रूप से रुके थे। आने वाले कई दशकों और शताब्दियों में अवस्थापन काल के दौरान अन्य बहुत से लोग आइसलैण्ड में आए। 1262 में आइसलैण्ड, नार्वे के ओल्ड कोवेनेन्ट के अधीन आया और 1918 में संप्रभुता मिलने तक नार्वे और डेनमार्क द्वारा शासित रहा। डेनमार्क और आइसलैण्ड के बीच हुई एक संधि के अनुसार आइसलैण्ड की विदेश नीत...आगे पढ़ें
आइसलैंड (आइस्लैंडिक : Ísland), आधिकारिक रूप से आइसलैंड गणराज्य (आइस्लैंडिक: Lýðveldið Ísland) उत्तर पश्चिमी यूरोप में, उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फ़रो द्वीप समूह, और नार्वे के मध्य बसा एक नार्डिक द्विपीय देश है। आइसलैण्ड का क्षेत्रफल लगभग १,०३,००० किमी२ है और अनुमानित जनसंख्या ३,१३,००० (२००९) है। यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा, व विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है। आइसलैंड की राजधानी रेक्याविक है, और देश की आधी जनसंख्या राजधानी में ही निवास करती है।
अवस्थापन साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि आइसलैंड में अवस्थापन ८७४ ईस्वी में आरंभ हुआ था, जब इंगोल्फ़र आर्नार्सन लोग यहाँ पर पहुँचे, यद्यपि इससे पहले भी कई लोग इस देश में अस्थाई रूप से रुके थे। आने वाले कई दशकों और शताब्दियों में अवस्थापन काल के दौरान अन्य बहुत से लोग आइसलैण्ड में आए। 1262 में आइसलैण्ड, नार्वे के ओल्ड कोवेनेन्ट के अधीन आया और 1918 में संप्रभुता मिलने तक नार्वे और डेनमार्क द्वारा शासित रहा। डेनमार्क और आइसलैण्ड के बीच हुई एक संधि के अनुसार आइसलैण्ड की विदेश नीति का नियामन डेनमार्क के द्वारा किया जाना तय हुआ और दोनों देशों का राजा एक ही था जब तक की 1944 में आइसलैण्ड गणराज्य की स्थापना नहीं हो गई। इस देश को विभिन्न नामों से पुकारा गया, विशेषरूप से कवियों द्वारा।
बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में आइसलैण्डवासियों ने अपने देश के विकास पर पुरजोर ध्यान दिया और देश के आधारभूत ढाँचे को सुधारने और अन्य कई कल्याणकारी कामों पर ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप आइसलैण्ड, संयुक्त राष्ट्र के जीवन गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर विश्व का सर्वाधिक रहने योग्य देश है।
आइसलैण्ड, सयुंक्त राष्ट्र, नाटो, एफ़्टा, ईईए समेत विश्व की बहुत सी संस्थाओं का सदस्य है।
More about आइसलैण्ड
- Currency आइसलैंडिक क्रोना
- Calling code +354
- Internet domain .is
- Speed limit 90
- Mains voltage 230V/50Hz
- Democracy index 9.37
- Population 376248
- छेत्र 103004
- Driving side right
सर्वप्रथम लोग जो आइसलैण्ड में रहे थे आयरलैंड के भिक्षु थे। वे लोग लगभग 800 ईस्वी में यहाँ आए थे।
9वीं शताब्दी में, नॉर्स लोग यहाँ रहने के लिए आए। आइसलैण्ड में रहने वाला सर्वप्रथम नॉर्स था फ़्लोकी विल्जरार्सन (Flóki Vilgerðarson)। यह उन लोगों में से था जिन्होंने आइसलैण्ड को यह नाम दिया। नार्वे का एक सेनापति जो आइसलैण्ड के दक्षिण पश्चिम में रहता था ने रेक्जाविक की स्थापना की थी।
930 में आइसलैण्ड के शासकों ने वहाँ का संविधान लिखा था। उन्होंने अल्थिन्ग (Alþingi), एक प्रकार की संसद बनाई जो पिन्ग्वेलिर नामक स्थान पर थी। यह विश्व की सर्वप्रथम संसद थी जो आज भी संचालन में है।
985 ईस्वी में एरिक, द रेड नामक एक व्यक्ति को किसी की हत्या के आरोप में आइसलैण्ड से निकाल दिया गया। उसने पश्चिम की ओर यात्रा की और ग्रीनलैंड की खोज कर डाली। एरिक के पुत्र लीफ़ एरिक्सन ने 1000 ईस्वी में अमेरिकी महाद्वीप की खोज की थी। उसने इसे विन्लैंड कहा। एरिक, लीफ़ और अन्यों की यात्राओं का उल्लेख गाथाओं (sagas) में मिलता है।
1262 में, आइसलैण्ड, नार्वे का भाग बना और 1662 में डेनमार्क का। उन्नीसवीं सदी में बहुत से आइसलैण्डवासी डेनमार्क से स्वतंत्र होना चाहते थे। 1918 में आइसलैण्ड को बहुत सी शक्तियां दी गईं, लेकिन डेनमार्क का शासक अभी भी आइसलैण्ड का भी शासक था।
जब 9 अप्रैल, 1940 को जर्मनी ने डेनमार्क पर अधिकार कर लिया तो आइसलैण्ड की संसद अल्थिन्ग ने यह निर्णय लिया की आइसलैण्डवासियों को अपने देश का शासन स्वयं करना चाहिए, लेकिन उन्होंने अभी तक स्वतंत्रता की घोषणा नहीं की थी। पहले ब्रिटिश और बाद में अमेरिकी सैनिकों ने आइसलैण्ड का अधिकरण कर लिया ताकि जर्मन उसपर हमला ना कर सकें। अंततः 1944 में आइसलैण्ड एक पूर्ण स्वतंत्र राष्ट्र बना।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आइसलैण्ड उत्तरी अटलान्टिक सन्धि संगठन का सदस्य बना, लेकिन यूरोपीय संघ का नहीं। 1958 और 1976 के मध्य आइसलैण्ड और ब्रिटेन के बीच कौड मछलियों को पकड़ने को लेकर तीन बार वार्ता हुई। इसे कोड युद्द कहा गया।
1970 में विग्डिस फिन्बोगाडोटिर (Vigdís Finnbogadóttir) आइसलैण्ड की राष्ट्रप्ति चुनीं गई। वह किसी भी देश में निर्वाचित होने वाली सर्वप्रथम महिला राष्ट्रपति थीं।