जलमहल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्य स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित यह महल झील के बीचों बीच होने के कारण 'आई बॉल' भी कहा जाता है। इसे 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं जहाँ राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं।
जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जय सिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्नान के लिए करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले मानसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।[1] इसका निर्माण 1699 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ ख़ास वक्त बिताने के लिए इस्तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग राजसी उत्सवों पर भी करते थे।[2]आम जनता शाम को इसकी पाल पर आनंद लेती हैं.
↑ "History of Jal Mahal in Jaipur". मूल से 15 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012. ↑ "Jal Mahal History". मूल से 20 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.
नई टिप्पणी जोड़ें