Tomb of Shah Rukn-e-Alam
शाह रुक्न-ए-आलम का मकबरा (पंजाबी और उर्दू: مقبرہ شاہ رکن الم) मुल्तान, पाकिस्तान में स्थित, 14वीं सदी के पंजाबी सूफी संत शेख रुक्न-उद-दीन अबुल फतेह का मकबरा है। मंदिर को तुगलक वास्तुकला का सबसे पहला उदाहरण माना जाता है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे प्रभावशाली मंदिरों में से एक है। उनकी मृत्यु के उपलक्ष्य में होने वाले वार्षिक उर्स उत्सव में यह तीर्थस्थल 100,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
शाह रुक्न-ए-आलम का मकबरा (पंजाबी और उर्दू: مقبرہ شاہ رکن الم) मुल्तान, पाकिस्तान में स्थित, 14वीं सदी के पंजाबी सूफी संत शेख रुक्न-उद-दीन अबुल फतेह का मकबरा है। मंदिर को तुगलक वास्तुकला का सबसे पहला उदाहरण माना जाता है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे प्रभावशाली मंदिरों में से एक है। उनकी मृत्यु के उपलक्ष्य में होने वाले वार्षिक उर्स उत्सव में यह तीर्थस्थल 100,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।