मा'लोउला (अरबी: معلولا, अरामैक शब्द ܡܥܠܐ, मा'ला, से जिसका अर्थ है 'प्रवेश') सीरिया में एक कस्बा है जो पश्चिमी नीयो-अरामैक बोलने वालो का प्रभुत्व है। पास के दो अन्य कस्बों, बाख'आ और जुब्ब'आदिन, के साथ यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ अरामैक भाषाओं की पश्चिमी शाखा अभी भी बोली जाती है। यह कस्बा सीरिया की राजधानी डेमेस्कस से ५६ किमी उत्तरपूर्व में स्थित है और बीहड़ पहाड़ी किनारे पर, १५०० मीटर से भी अधिक की ऊँचाई पर बसा है। इस स्थान की दूरी और भूवैज्ञानिक विशेषताओं ने इस भाषाई शाद्वल (ओएसिस) को १५०० वर्षों तक जीवन्तता प्रदान की। लेकिन अब आधुनिक सड़कों और यातायात के कारण और अरबी भाषा के टीवी चैनलों और समाचार पत्र-पत्रिकाओं की उपलब्धता के कारण - और पिछ्ले कुछ समय से, शासकीय नीतियों के कारण - इस स्थान की भाषाई विरासत नष्ट को रही है। २००५ तक, इस कस्बे की जनसंख्या २,००० थी।
धार्मिक रूप से यहाँ दोनो ईसाई और मुसलमन रहते हैं। मुस्लिम निवासियों के लिए तो विरासत और भी अधिक विलक्षण है इसलिए की उनका अरबीकरण नहीं हुआ। अन्य सीरियाईयों ने जहाँ इस्लाम के साथ-साथ अरबी को भी अपना लिया और अपने को...आगे पढ़ें
मा'लोउला (अरबी: معلولا, अरामैक शब्द ܡܥܠܐ, मा'ला, से जिसका अर्थ है 'प्रवेश') सीरिया में एक कस्बा है जो पश्चिमी नीयो-अरामैक बोलने वालो का प्रभुत्व है। पास के दो अन्य कस्बों, बाख'आ और जुब्ब'आदिन, के साथ यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ अरामैक भाषाओं की पश्चिमी शाखा अभी भी बोली जाती है। यह कस्बा सीरिया की राजधानी डेमेस्कस से ५६ किमी उत्तरपूर्व में स्थित है और बीहड़ पहाड़ी किनारे पर, १५०० मीटर से भी अधिक की ऊँचाई पर बसा है। इस स्थान की दूरी और भूवैज्ञानिक विशेषताओं ने इस भाषाई शाद्वल (ओएसिस) को १५०० वर्षों तक जीवन्तता प्रदान की। लेकिन अब आधुनिक सड़कों और यातायात के कारण और अरबी भाषा के टीवी चैनलों और समाचार पत्र-पत्रिकाओं की उपलब्धता के कारण - और पिछ्ले कुछ समय से, शासकीय नीतियों के कारण - इस स्थान की भाषाई विरासत नष्ट को रही है। २००५ तक, इस कस्बे की जनसंख्या २,००० थी।
धार्मिक रूप से यहाँ दोनो ईसाई और मुसलमन रहते हैं। मुस्लिम निवासियों के लिए तो विरासत और भी अधिक विलक्षण है इसलिए की उनका अरबीकरण नहीं हुआ। अन्य सीरियाईयों ने जहाँ इस्लाम के साथ-साथ अरबी को भी अपना लिया और अपने को "अरबी" पहचान से जोड़ लिया।
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