ख़ीवा
खीवा(उज़बेक: Хива, अंग्रेज़ी: Khiva) मध्य एशिया के उज़बेकिस्तान देश के ख़ोरज़्म प्रान्त में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व का शहर है। इस क्षेत्र में हजारों वर्षों से लोग बसते आये हैं लेकिन यह शहर तब मशहूर हुआ जब यह ख़्वारेज़्म और ख़ीवा ख़ानत की राजधानी बना।
अतिप्राचीन काल में ख़ीवा क्षेत्र में पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाले लोग रहते थे लेकिन १०वीं सदी ईसवी के बाद यहाँ धीरे-धीरे तुर्की भाषाएँ बोलने वाले लोग बहुसंख्यक हो गए। १०वीं सदी में यहाँ से गुजरने वाले मुस्लिम यात्रियों ने इस शहर का वर्णन दिया जो अभी भी उपलब्ध है। १७वीं सदी की शुरुआत में यह शहर ख़ीवा ख़ानत की राजधानी बना। ख़ीवा ख़ानत पर चंगेज़ ख़ान के आस्त्राख़ान ख़ानत पर शासन करने वाले वंशजों की एक शाखा का राज था। १८७३ में रूसी साम्राज्य के कोन्स्तान्तीन फ़ोन फ़ाउफ़मान (Konstantin von Kaufman) नामक रणनीतिकार ने ख़ीवा पर हमला किया और उसका शहर पर २८ मई १८७३ को अधिकार हो गया। अब ख़ीवा ख़ानत रूसी साम्राज्य के अधीन थी लेकिन उसे नाम के लिए मुक्त रूप से चलने दिया गया। जब १९१७ में रूस में साम्यवादी (कोम्युनिस्ट) क्रान्ति हुई तो यहाँ कुछ समय की लिए एक 'ख़ोरज़्म जन सोवियत गणतंत्र' (Khorezm People's Soviet Republic) घोषित कर दिया गया और ख़ीवा ख़ानत हमेशा के लिए ख़त्म हो गई। १९२५ में इस गणतंत्र को सोवियत संघ में मिला लिया गया और खीवा शहर उज़बेकिस्तान का हिस्सा बन गया।[1]
ख़ीवा ↑ Land and Power in Khorezm: Farmers, Communities, and the State in Uzbekistan's Decollectivisation, Tommaso Trevisani, pp. 31, LIT Verlag Münster, 2010, ISBN 978-3-643-90098-2, ... It was also known as the khanate of Khiva until the Bolsheviks put an end to the tsarist protectorate with the proclamation of the Khorezm People's Soviet Republic in 1920 ...
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