कटासराज मन्दिर

कटास राज पाकिस्तान के पाकिस्तानी पंजाब के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत शृंखला में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। कटास राज मंदिर का निर्माण खटाना गुर्जर राजवंश ने करवाया था। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है। अतिरिक्त और भी मंदिरों की श्रृंखला है जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। ये इतिहास को दर्शाते हैं। इतिहासकारों एवं पुरात्तव विभाग के अनुसार, इस स्थान को शिव नेत्र माना जाता है। जब माँ पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आँखों से दो आंसू टपके। एक आंसू कटास पर टपका जहाँ अमृत बन गया यह आज भी महान सरोवर अमृत कुण्ड तीर्थ स्थान कटास राज के रूप में है दूसरा आंसू अजमेर राजस्थान में टपका और यहाँ पर पुष्करराज तीर्थ स्थान है।

इसके अतिरिक्त महाभारत काल में पांडव बनवास के दिनों में इन्ही पहाड़ियों में अज्ञातवास में रहे। यहीं वह कुण्ड है जहाँ पांडव प्यास लगने पर पानी की खोज में पहुंचे थे। इस कुण्ड पर यक्ष का अधिकार था सर्वप्रथम नकुल पानी लेने गया जब पानी पीने लगा तो यक्ष ने आवाज़ दी की इस पानी पर उसका अधिकार है पीने की चेष्टा मत करो अगर पानी लेना है तो पहले मेरे प्रश्नों का ...आगे पढ़ें

कटास राज पाकिस्तान के पाकिस्तानी पंजाब के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत शृंखला में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। कटास राज मंदिर का निर्माण खटाना गुर्जर राजवंश ने करवाया था। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है। अतिरिक्त और भी मंदिरों की श्रृंखला है जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। ये इतिहास को दर्शाते हैं। इतिहासकारों एवं पुरात्तव विभाग के अनुसार, इस स्थान को शिव नेत्र माना जाता है। जब माँ पार्वती सती हुई तो भगवान शिव की आँखों से दो आंसू टपके। एक आंसू कटास पर टपका जहाँ अमृत बन गया यह आज भी महान सरोवर अमृत कुण्ड तीर्थ स्थान कटास राज के रूप में है दूसरा आंसू अजमेर राजस्थान में टपका और यहाँ पर पुष्करराज तीर्थ स्थान है।

इसके अतिरिक्त महाभारत काल में पांडव बनवास के दिनों में इन्ही पहाड़ियों में अज्ञातवास में रहे। यहीं वह कुण्ड है जहाँ पांडव प्यास लगने पर पानी की खोज में पहुंचे थे। इस कुण्ड पर यक्ष का अधिकार था सर्वप्रथम नकुल पानी लेने गया जब पानी पीने लगा तो यक्ष ने आवाज़ दी की इस पानी पर उसका अधिकार है पीने की चेष्टा मत करो अगर पानी लेना है तो पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो लेकिन वह उसके प्रश्नों का उत्तर न दे सका और पानी पीने लगा। यक्ष ने उसको मूर्छित कर दिया ठीक इसी प्रकार सहदेव, अर्जुन व भीम चारों भाई एक एक करके पानी लेने गये लेकिन कोई भी यक्ष के प्रश्नों का उत्तर न दे सका और फिर भी पानी लेने का प्रयास किया यक्ष ने चारों भाइयों को मूर्छित कर दिया अंत में चारों भाइयों को खोजते हुए युधिष्ठिर कुण्ड के किनारे पहुंचा और चारों भाइयों को मूर्छित पड़े देखा वह बोला की मेरे भाइयों को किसने मूर्छित किया है वह सामने आये, यक्ष आया और उसने कहा कि इन्होने बिना मेरे प्रश्नों का उत्तर दिए पानी लेना चाहा अत: इनकी यह दुर्दशा हुई अगर तुम ने भी ऐसा व्यवहार किया तो तुम्हारा भी यही हाल होगा।

युधिष्ठिर ने नम्रतापूर्वक कहा की तुम प्रश्न पूछो मैं अपने विवेक से उनका उत्तर दूँगा यक्ष ने कई प्रश्न पूछे उनमे से एक मुख्य प्रश्न था-

कौन प्रसन्न है? आश्चर्य क्या है? मार्ग क्या है? वार्ता क्या है? मेरे चार प्रश्नों का उत्तर दे तो तुम्हारे मृत भाई जीवित हो जायेंगे।

युधिष्ठिर ने उत्तर दिया-

प्रसन्न : जो व्यक्ति पांचवे छठे दिन घर में स्वादु साग पका ले, जो ऋणी नहीं हो, जो प्रवास में न रहता हो वह प्रसन्न है।
आश्चर्य : प्रतिदिन प्राणी मृत्यु को प्राप्त होते हैं यह सब देखकर भी संसार के प्राणी हमेशा जीवित रहने की कामना करते हैं इससे बदकर आश्चर्य क्या होगा।
मार्ग : तर्क प्रतिष्ठित नहीं होता श्रुतियाँ (वेद) विभिन्न हैं कोई एक ऐसा मुनि नहीं जिसकी बात को प्रामाणिक माना जा सके अत: महापुरूष धर्म के विषय में जिस मार्ग का अनुसरण करें सबके लिए वही मार्ग चलने योग्य है।
वार्ता (समाचार) : महामोह रूपी कड़ाहे में, सूर्य रूपी आग से, रात दिन रूपी (ईंधन) से, मास ऋतु रूपी कड़छी के द्वारा यह काल प्राणियों को भोजन के सामान पका रहा है, यही वार्ता है।

इस प्रकार युधिष्ठिर ने अपने विवेक से यक्ष के सभी प्रश्नों का उत्तर दे दिया और यक्ष ने प्रसन्न होकर पांडवों को जीवित कर दिया तत्पश्चात ये पांडव अपने गंतव्य की और चले गए।

नई टिप्पणी जोड़ें

Esta pregunta es para comprobar si usted es un visitante humano y prevenir envíos de spam automatizado.

Security
826731594Click/tap this sequence: 5176

Google street view

Where can you sleep near कटासराज मन्दिर ?

Booking.com
489.828 visits in total, 9.196 Points of interest, 404 Destinations, 79 visits today.