बोधि वृक्ष बिहार राज्य के गया जिले में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित एक पीपल का वृक्ष है। इसी वृक्ष के नीचे ईसा पूर्व 531 में भगवान बुद्ध को बोध (ज्ञान) प्राप्त हुआ था।
'बोधि' का अर्थ होता है 'ज्ञान', 'बोधि वृक्ष' का अर्थ है ज्ञान का वृक्ष. 'बोधि वृक्ष' चौथी पीढ़ी का वृक्ष है।
बोधि वृक्ष को कई बार नष्ट करने का प्रयास किया गया।
बोधि वृक्ष का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस वृक्ष के नीचे ही छह साल तक तपस्या की थी। एक दिन, उन्होंने छठे वर्ष में पूर्णिमा के दिन ज्ञान प्राप्त किया। तब से, बोधि वृक्ष बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र प्रतीक बन गया है।
बोधि वृक्ष एक पीपल का वृक्ष है, जिसे पिपलस बेंजामिना भी कहा जाता है। यह वृक्ष लगभग 30 मीटर ऊँचा है और इसकी शाखाएँ बहुत फैली हुई हैं।
आज, बोधि वृक्ष एक सुरक्षित स्थान पर है। इसे एक लोहे के पिंजरे में रखा गया है। बोधि वृक्ष के चारों ओर एक सुंदर मंदिर परिसर है। हर साल लाखों श्रद्धालु बोधि वृक्ष के दर्शन करने के लिए बोधगया आते हैं , बोधि वृक्ष बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प...आगे पढ़ें
बोधि वृक्ष बिहार राज्य के गया जिले में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित एक पीपल का वृक्ष है। इसी वृक्ष के नीचे ईसा पूर्व 531 में भगवान बुद्ध को बोध (ज्ञान) प्राप्त हुआ था।
'बोधि' का अर्थ होता है 'ज्ञान', 'बोधि वृक्ष' का अर्थ है ज्ञान का वृक्ष. 'बोधि वृक्ष' चौथी पीढ़ी का वृक्ष है।
बोधि वृक्ष को कई बार नष्ट करने का प्रयास किया गया।
बोधि वृक्ष का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस वृक्ष के नीचे ही छह साल तक तपस्या की थी। एक दिन, उन्होंने छठे वर्ष में पूर्णिमा के दिन ज्ञान प्राप्त किया। तब से, बोधि वृक्ष बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र प्रतीक बन गया है।
बोधि वृक्ष एक पीपल का वृक्ष है, जिसे पिपलस बेंजामिना भी कहा जाता है। यह वृक्ष लगभग 30 मीटर ऊँचा है और इसकी शाखाएँ बहुत फैली हुई हैं।
आज, बोधि वृक्ष एक सुरक्षित स्थान पर है। इसे एक लोहे के पिंजरे में रखा गया है। बोधि वृक्ष के चारों ओर एक सुंदर मंदिर परिसर है। हर साल लाखों श्रद्धालु बोधि वृक्ष के दर्शन करने के लिए बोधगया आते हैं , बोधि वृक्ष बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह ज्ञान, शांति, और प्रेम का प्रतीक है। बोधि वृक्ष के दर्शन करने से श्रद्धालुओं को शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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