रोहिंग्या लोग
Context of रोहिंग्या लोग
रोहिंग्या लोग (/ˈroʊɪndʒə/; ऐतिहासिक तौर पर अरकानी भारतीय (आकनीज़ इंडियंज़) के नाम से भी पहचाने जाते हैं) म्यांमार देश के रखाइन राज्य और बांग्लादेश के चटगाँव इलाक़े में बसने वाले राज्यविहीनरखाइन राज्य पर बर्मी क़ब्ज़े के बाद अत्याचार के माहौल से तंग आ कर बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग थाईलैंड में शरणार्थी हो गए। रोहिंग्या लोग आम तौर पर मुसलमान होते हैं, लेकिन अल्पसंख्या में कुछ रोहिंग्या हिन्दू भी होते हैं। ये लोग रोहिंग्या भाषा बोलते हैं। 2016-17 संकट से पहले म्यांमार में क़रीब 8 ला...आगे पढ़ें
रोहिंग्या लोग (/ˈroʊɪndʒə/; ऐतिहासिक तौर पर अरकानी भारतीय (आकनीज़ इंडियंज़) के नाम से भी पहचाने जाते हैं) म्यांमार देश के रखाइन राज्य और बांग्लादेश के चटगाँव इलाक़े में बसने वाले राज्यविहीनरखाइन राज्य पर बर्मी क़ब्ज़े के बाद अत्याचार के माहौल से तंग आ कर बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग थाईलैंड में शरणार्थी हो गए। रोहिंग्या लोग आम तौर पर मुसलमान होते हैं, लेकिन अल्पसंख्या में कुछ रोहिंग्या हिन्दू भी होते हैं। ये लोग रोहिंग्या भाषा बोलते हैं। 2016-17 संकट से पहले म्यांमार में क़रीब 8 लाख रोहिंग्या लोग रहते थे और यह लोग इस देश की सरज़मीन पर सदियों से रहते आए हैं, लेकिन बर्मा के बौद्ध लोग और वहाँ की सरकार इन लोगों को अपना नागरिक नहीं मानते हैं। इन रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में बहुत अत्याचार का सामना करना पड़ा है। बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और थाईलैंड की सरहदों पर स्थित शरणार्थी कैंपों में अमानवीय हालातों में रहने को मजबूर हैं। युनाइटेड नेशंज़ के मुताबिक़ रोहिंग्या लोग दुनिया के सब से उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समूहों में से एक है।
1982 म्यांमार राष्ट्रीयता क़ानून के तहत रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबन्धित है। ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक़ 1982 क़ानून ने प्रभावी तौर पर रोहिंग्या लोगों के लिए राष्ट्रीयता प्राप्त करने की कोई भी सम्भवता दूर की थी। म्यांमार में रोहिंग्या लोगों का इतिहास 8वीं सदी में शुरू हुआ था, इसके बावजूद इन्हें म्यांमारी क़ानून के आठ "राष्ट्रीय समूहों" में से वर्गीकृत नहीं है। वे आंदोलन की स्वतंत्रता, राज्य शिक्षण प्राप्त करने से और नागरिक सेवा में काम करने से भी प्रतिबन्धित हैं। म्यांमार में रोहिंग्या लोगों की क़ानूनी अवस्था को दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद नीति यानि अपार्थीड के साथ तुलना हुई है।