बांग्लादेश
Context of बांग्लादेश
बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला: গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশ; "गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण एशिया का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलतीं हैं; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम बंग (বঙ্গ) या बांग्ला (বাংলা) है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे 'पूर्वी पाकिस्तान' के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया।
बांग्लादेश विश्व में आठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 16.4 करोड़ से अधिक है। भू-क्षेत्रफल के मामले में, बांग्लादेश 92 वें स्थान पर है, जिसकी लम्बाई 148,460 वर्ग किलोमीटर (57,320 वर्ग मील) है, जो इसे सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक बनाता है। बंगाली, बांग्लादेश की कुल आबादी का 98% हिस्सा बनाते हैं, जो इसे दुनिया में सबसे अधिक सजातीय राज्यों में से एक बनाता है। बांग्लादेश की बड़ी मुस्लिम आबादी इसे तीसरा सबसे बड़ा मु...आगे पढ़ें
बांग्लादेश गणतन्त्र (बांग्ला: গণপ্রজাতন্ত্রী বাংলাদেশ; "गणप्रजातन्त्री बांग्लादेश") दक्षिण एशिया का एक राष्ट्र है। देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएँ भारत और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलतीं हैं; दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल एक बांग्लाभाषी अंचल, बंगाल हैं, जिसका ऐतिहासिक नाम बंग (বঙ্গ) या बांग्ला (বাংলা) है। इसकी सीमारेखा उस समय निर्धारित हुई जब 1947 में भारत के विभाजन के समय इसे 'पूर्वी पाकिस्तान' के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग घोषित किया गया।
बांग्लादेश विश्व में आठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 16.4 करोड़ से अधिक है। भू-क्षेत्रफल के मामले में, बांग्लादेश 92 वें स्थान पर है, जिसकी लम्बाई 148,460 वर्ग किलोमीटर (57,320 वर्ग मील) है, जो इसे सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक बनाता है। बंगाली, बांग्लादेश की कुल आबादी का 98% हिस्सा बनाते हैं, जो इसे दुनिया में सबसे अधिक सजातीय राज्यों में से एक बनाता है। बांग्लादेश की बड़ी मुस्लिम आबादी इसे तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश बनाती है। बंग्लादेश के संविधान ने इस्लाम को राज्य पन्थ के रूप में स्थापित करते हुए बांग्लादेश को एक पन्थनिरपेक्ष राज्य घोषित करता है।
पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के मध्य लगभग 1600 किलोमीटर (1000 मील) की भौगोलिक दूरी थी। पाकिस्तान के दोनों भागों की जनता का धर्म (इस्लाम) एक था, पर उनके बीच जाति और भाषागत काफ़ी दूरियाँ थीं। पश्चिम पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार के अन्याय के विरुद्ध 1971 में भारत के सहयोग से एक रक्तरंजित युद्ध के बाद स्वाधीन राष्ट्र बांग्लादेश का उदभव हुआ। स्वाधीनता के बाद बांग्लादेश के कुछ प्रारंभिक वर्ष राजनैतिक अस्थिरता से परिपूर्ण थे, देश में १३ राष्ट्रशासक बदले गए और 4 सैन्य बगावतें हुई। विश्व के सबसे जनबहुल देशों में बांग्लादेश का स्थान आठवां है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से बांग्लादेश विश्व में ९३वाँ है। फलस्वरूप बांग्लादेश विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। मुसलमान- सघन जनसंख्या वाले देशों में बांग्लादेश का स्थान ४था है, जबकि बांग्लादेश के मुसलमानों की संख्या भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या से कम है। गंगा-ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर स्थित यह देश, प्रतिवर्ष मौसमी उत्पात का शिकार होता है और चक्रवात भी बहुत सामान्य हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशियाई आंचलिक सहयोग संस्था,सार्क(saarc)और बिम्सटेक का प्रतिष्ठित सदस्य है। यह ओआइसी और डी-8 का भी सदस्य है। जय बांग्ला (জয় বাংলা) बांग्लादेश का जातीय स्लोगाण है।
More about बांग्लादेश
- Currency बांग्लादेशी टका
- Calling code +880
- Internet domain .bd
- Mains voltage 220V/50Hz
- Democracy index 5.99
- Population 169356251
- छेत्र 147570
- Driving side left
बांग्लादेश में सभ्यता का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज के भारत का अंधिकांश पूर्वी क्षेत्र कभी बंगाल के नाम से जाना जाता था। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार इस क्षेत्र में आधुनिक सभ्यता की शुरुआत ७०० इसवी ईसा पू. में आरम्भ हुआ माना जाता है। यहाँ की प्रारंभिक सभ्यता पर बौद्ध और हिन्दू धर्म का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है। उत्तरी बांग्लादेश में स्थापत्य के ऐसे हजारों अवशेष अभी भी मौज़ूद हैं जिन्हें मंदिर या मठ कहा जा सकता है।[1]
बंगाल का इस्लामीकरण मुगल साम्राज्य के व्यापारियों द्वारा १३ वीं शताब्दी में शुरु हुआ और १६ वीं शताब्दी तक बंगाल एशिया के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र के रूप में उभरा। युरोप के व्यापारियों का आगमन इस क्षेत्र में १५ वीं शताब्दी में हुआ और अंततः १६वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनका प्रभाव बढ़ना शुरु हुआ। १८ वीं शताब्दी आते-आते इस क्षेत्र का नियंत्रण पूरी तरह उनके हाथों में आ गया जो धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया। जब स्वाधीनता आंदोलन के फलस्वरुप १९४७ में भारत स्वतंत्र हुआ तब राजनैतिक कारणों से भारत को हिन्दू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा।[2]
पाकिस्तान के गठन के समय पश्चिमी क्षेत्र में सिंधी, पठान, बलोच और मुजाहिरों की बड़ी संख्या थी, जिसे पश्चिम पाकिस्तान कहा जाता था, जबकि पूर्व हिस्से में बंगाली बोलने वालों का बहुमत था, जिसे पूर्व पाकिस्तान कहा जाता था। हालांकि पूरबी भाग में राजनैतिक चेतना की कभी कमी नहीं रही लेकिन पूर्वी हिस्सा देश की सत्ता में कभी भी उचित प्रतिनिधित्व नहीं पा सका एवं हमेशा राजनीतिक रूप से उपेक्षित रहा। इससे पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी थी। और इसी नाराजगी के परिणाम स्वरुप उस समय पूर्व पाकिस्तान के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने अवामी लीग का गठन किया और पाकिस्तान के अंदर ही और स्वायत्तता की मांग की। 1970 में हुए आम चुनाव में पूर्वी क्षेत्र में शेख की पार्टी ने जबर्दस्त विजय हासिल की। उनके दल ने संसद में बहुमत भी हासिल किया लेकिन बजाए उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के उन्हें जेल में डाल दिया गया। और यहीं से पाकिस्तान के विभाजन की नींव रखी गई।[3]
...आगे पढ़ेंबांग्लादेश में सभ्यता का इतिहास काफी पुराना रहा है। आज के भारत का अंधिकांश पूर्वी क्षेत्र कभी बंगाल के नाम से जाना जाता था। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार इस क्षेत्र में आधुनिक सभ्यता की शुरुआत ७०० इसवी ईसा पू. में आरम्भ हुआ माना जाता है। यहाँ की प्रारंभिक सभ्यता पर बौद्ध और हिन्दू धर्म का प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है। उत्तरी बांग्लादेश में स्थापत्य के ऐसे हजारों अवशेष अभी भी मौज़ूद हैं जिन्हें मंदिर या मठ कहा जा सकता है।[1]
बंगाल का इस्लामीकरण मुगल साम्राज्य के व्यापारियों द्वारा १३ वीं शताब्दी में शुरु हुआ और १६ वीं शताब्दी तक बंगाल एशिया के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र के रूप में उभरा। युरोप के व्यापारियों का आगमन इस क्षेत्र में १५ वीं शताब्दी में हुआ और अंततः १६वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनका प्रभाव बढ़ना शुरु हुआ। १८ वीं शताब्दी आते-आते इस क्षेत्र का नियंत्रण पूरी तरह उनके हाथों में आ गया जो धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया। जब स्वाधीनता आंदोलन के फलस्वरुप १९४७ में भारत स्वतंत्र हुआ तब राजनैतिक कारणों से भारत को हिन्दू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में विभाजित करना पड़ा।[2]
पाकिस्तान के गठन के समय पश्चिमी क्षेत्र में सिंधी, पठान, बलोच और मुजाहिरों की बड़ी संख्या थी, जिसे पश्चिम पाकिस्तान कहा जाता था, जबकि पूर्व हिस्से में बंगाली बोलने वालों का बहुमत था, जिसे पूर्व पाकिस्तान कहा जाता था। हालांकि पूरबी भाग में राजनैतिक चेतना की कभी कमी नहीं रही लेकिन पूर्वी हिस्सा देश की सत्ता में कभी भी उचित प्रतिनिधित्व नहीं पा सका एवं हमेशा राजनीतिक रूप से उपेक्षित रहा। इससे पूर्वी पाकिस्तान के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी थी। और इसी नाराजगी के परिणाम स्वरुप उस समय पूर्व पाकिस्तान के नेता शेख मुजीब-उर-रहमान ने अवामी लीग का गठन किया और पाकिस्तान के अंदर ही और स्वायत्तता की मांग की। 1970 में हुए आम चुनाव में पूर्वी क्षेत्र में शेख की पार्टी ने जबर्दस्त विजय हासिल की। उनके दल ने संसद में बहुमत भी हासिल किया लेकिन बजाए उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के उन्हें जेल में डाल दिया गया। और यहीं से पाकिस्तान के विभाजन की नींव रखी गई।[3]
1971 के समय पाकिस्तान में जनरल याह्या खान राष्ट्रपति थे और उन्होंने पूर्वी हिस्से में फैली नाराजगी को दूर करने के लिए जनरल टिक्का खान को जिम्मेदारी दी। लेकिन उनके द्वारा दबाव से मामले को हल करने के प्रयास किये गये जिससे स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई। 25 मार्च 1971 को पाकिस्तान के इस हिस्से में सेना एवं पुलिस की अगुआई में जबर्दस्त नरसंहार हुआ। इससे पाकिस्तानी सेना में काम कर रहे पूर्वी क्षेत्र के निवासियों में जबर्दस्त रोष हुआ और उन्होंने अलग मुक्ति वाहिनी बना ली। पाकिस्तानी फौज का निरपराध, हथियार विहीन लोगों पर अत्याचार जारी रहा। जिससे लोगों का पलायन आरंभ हो गया जिसके कारण भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से लगातार अपील की कि पूर्वी पाकिस्तान की स्थिति सुधारी जाए, लेकिन किसी देश ने ध्यान नहीं दिया और जब वहां के विस्थापित लगातार भारत आते रहे तो अप्रैल 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मुक्ति वाहिनी को समर्थन देकर, बांग्लादेश को आजादी मे सहायता करने का निर्णय लिया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
↑ LaPorte, R (1972). "Pakistan in 1971: The Disintegration of a Nation". Asian Survey. 12 (2): 97–108. डीओआइ:10.1525/as.1972.12.2.01p0190a. ↑ James Heitzman and Robert L. Worden, संपा॰ (1989). "Early History, 1000 B.C.-A.D. 1202". Bangladesh: A country study. Library of Congress. OCLC 15653912. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 82-90584-08-3. मूल से 12 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मार्च 2014. ↑ Bharadwaj, G (2003). "The Ancient Period". प्रकाशित Majumdar, RC (संपा॰). History of Bengal. B.R. Publishing Corp.