तनाह लोत, इंडोनेशिया के प्रान्त बाली के सागर तट पर स्थित एक शैलसमूह है। यह इंडोनेशिया के विश्व प्रसिद्ध मंदिर पुरा तनाह लोत घर है, साथ ही यह छायाकारी के शौकीनों और विदेशी पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।
तनाह लोत का बाली भाषा में अर्थ समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि) होता है।[1] यह देनपसार से लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) की दूरी पर स्थित है और तबानन रीजेंसी का एक हिस्सा है। दक्षिण पश्चिम तट पर स्थित मंदिर एक बडी चट्टान पर बना है, जिसे हजारों वर्षों के दौरान समुद्री पानी के ज्वार से हुये क्षरण के फलस्वरूप यह आकृति प्राप्त हुई है।
माना जाता है पुरा तनाह लोत का निर्माण १५वीं शताब्दी में एक पुजारी निरर्थ ने कराया था। दक्षिणी तट के किनारे किनारे चलते हुये वो इस स्थान पर पहुंचे और उन्हें इस स्थान की सुन्दरता ने मोह लिया। कुछ मछुआरों ने उन्हें देखा और उन्हें उपहार प्रदान किये। निरर्थ ने फिर रात इस शिला पर बिताई। बाद में उन्होनें मछुआरों से इस स्थान पर बाली के समुद्री देवता के मंदिर के निर्माण का आग्रह किया।[2]
तनाह लोत मंदिर, शताब्दियों से बाली की पौराणिक संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। यह मंदिर सागर तट पर बने उन सात मंदिरों में से एक है जिन्हें एक श्रृंखला के रूप में बनाया गया है। हर मंदिर से अगला मंदिर दिखता है। सैलानियों के बीच लोकप्रिय इन मंदिरों पर हिन्दु मिथकों का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
माना जाता है कि बुरी आत्माओं और घुसपैठियों से इस मंदिर की सुरक्षा इसकी शिला के नीचे रहने वाले विषैले सर्प करते हैं। एक कथा के अनुसार निरर्थ के दुपट्टे से बना एक विशाल समुद्री सर्प इस मंदिर की आज भी सुरक्षा करता है।
↑ Philip Hirsch, Carol Warren. The politics of environment in Southeast Asia: resources and resistance. Publisher Routledge, 1998 ISBN 978-0-203-03017-2. 325 pages. pp 242-244 ↑ South-East Asia on a shoestring. Lonely Planet South-East Asia: On a Shoestring. Lonely Planet Edition 7. Lonely Planet Publications, 1992. ISBN 0-86442-125-7, ISBN 978-0-86442-125-8. 922. pp257
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